मन मे विश्वास हो तो भगवान भी अदालत में आकर गवाही देते है Spiritual kahaniya in hindisoch

मन मे विश्वास हो तो भगवान भी अदालत में आकर गवाही देते है Spiritual kahaniya in hindi soch

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है, Spiritual kahaniya in hindi soch पर और मैं हु मुंगेरी ढालिया ।दोस्तो वैसे तो भगवान के बारे मे हम सभी लोग जानते हैं।और उनके प्रति किसी न किसी रूप मे हमारी आस्था रहती है ।भले ही वो कृष्ण के रूप में हो या राम के शिव के रूप में हो या माता शक्ति के रूप में।

हमारी संस्कृति 

दोस्तो किसी न किसी तरह हम भगवान से जुड़े हुए हैं।
लेकिन हम में से कई लोग इसे स्वीकार नही कर पाते ।क्योकि हमें प्रेरणा के लिए कोई स्त्रोत नही मिल पाता ।इसीलिए मैं इस ब्लॉग की शुरुआत कर रहा हु ।ताकि आप और हमे हमारी संस्कृति का ज्ञान प्राप्त हो कि हम सनातन संस्कृति के है ।और हमे प्रेरणा मिले और हमे पता चले कि भक्ति में कितनी शक्ति है। तो चलिए शुरू करते है।आज पहली कहानी से। जिसका शीर्षक है श्रद्धा सच्ची हो तो भगवान खुद आकर बचाते है ।

मन मे विश्वास हो तो भगवान भी अदालत में आकर गवाही देते है

एक बार एक गांव में एक पंडित जी थे ।वो रोज सुबह उस गांव के राम मंदिर के पास आकर वहां की मिट्टी को अपने माथे पर लगाते थे। और रोते थे। तो वहाँ के कुछ लोगो ने उस पंडित जी को बुलाकर ऐसा करने का कारण पूछा ।टैब उन्होंने अपने साथ हुई घटना का वर्णन सुनाया ।
और बताया कि वो कुछ साल पहले एक अदालत में एक जज की पदवी पर था ।मैंने बहुत से केस का फैसला किया था ।पर एक केस ने मेरी पूरी जिंदगी ही बदल दी ।
ये इसी गांव के एक भोले भाले आदमी की कहानी है।
वो  आदमी गरीब से ही था ।और भगवान राम का भक्त था ।
वो रोज भगवान राम के मंदिर जाया करता था ।उसके एक लड़का और एक लड़की थी ।दोनो बच्चे बड़े हो गए थे और लड़की शादी करने के उम्र हो गयी। लड़के ने कहा कि अब बहन की शादी कर देनी चाहिए ।तो पिता ने कहा कि पैसे कहा से आएंगे ।तो बेटा बोला की हम जमींदार से ब्याज पर पैसा ले लेते है ।बाद में एक साल में ही उसका पैसा वापिस कर देंगे । वो जमींदार के पास गए और उनसे ब्याज पर पैसे उधार ले लिए और अपनी बेटी की शादी कर दी और एक साल में ही उस जमींदार का पैसा ब्याज के साथ वापिस कर दिया ।
उस जमींदार ने उस भोले आदमी को एक पेपर दिया और कहा कि पढ लो इसमे लिखा है कि अपने मेरा पूरा पैसा दे दिया है ।
उसने कहा कि मुझे तो पढ़ना नही आता रघुनाथ जी जाने ।उस जमींदार के मन मे लालच आ गया और उसने उससे वो पेपर लिया और कहा कि मैं तुम्हारे लिए कुछ जलपान लेकर आता हूं। और वो अंदर गया और वहाँ से पेपर चेंज कर के ले आया और उसको वो दूसरा पेपर दे दिया ।
वो अपने घर चला गया ।कुछ दिनों बाद उस जमींदार ने उस भोले आदमी पर केस कर दिया और उसको अदालत में बुलाया गया ।
जज ने उस भोले आदमी को कहा कि अपने इस जमींदार के पैसे अभी तक क्यों नही लौटाए तब उसने कहा कि मैंने तो इसके पैसे लोटा दिए है ।तो जज ने पूछा कि तुम्हारे पास इस बात का सबूत है ।तब उसने वो पेपर जज को दे दिया ।जज ने वो पेपर पढ़ा और कहा की इसमे तो लिखा है ।कि तुमने अभी तक पैसे नही दिए।
तो वो भोला आदमी रोने लगा ।उसको रोता देख कर जज ने पूछा कि जब तुमने पैसे दिए  तो कोई वहां पर था क्या तब वो बोला कि रघुनाथ जी थे । तब उस जज ने सोचा कि रघुनाथजी नाम का कोई आदमी होगा ।तब उस जज ने  रघुनाथ जी के नाम पर एक नोटिस भेजा और उसको  अदालत आने को कहा ।
वो नोटिस लेकर जब पोस्टमैन जब उस गांव में आया तो उसने पूरे गांव में ढूंढ लिया पर रधुनाथ नाम का कोई आदमी नही था। उसे पता चला कि इस गांव में रघुनाथजी का एक मंदिर है ।तो उसने वो नोटिस उस मंदिर के पुजारी को दे दिया ।पुजारी ने वो नोटिस देखा और समझ गया कि ये भगवान की कोई लीला है ।और उसने वो नोटिस भगवान के चरणों में रख दिया ।अगले दिन अदालत में जब जज ने रघुनाथजी को आने के लिए कहा तो एक बूढ़ा से आदमी आया ।जज ने उस आदमी से पूछा कि क्या भोला ने उसके सामने जमींदार को पैसे दिए थे क्या तब उस बूढ़े आदमी ने कहा कि हाँ उसने मेरे सामने ही पैसे दिए थे अगर आपको यकीन नही है तो आप उस जमींदार की तिजोरी में से वो पेपर लाकर देख लो उसमे लिखा है कि भोला ने जमींदार को पैसे दे दिए है। जज ने उसके घर पे तलाशी कराई ।वो पेपर मिल गया जिसमें लिखा था कि उसने पैसे चुका दिया है ।ओर वो बूढा आदमी वहां से चल गया ।और जज ने भोला को छोड़ दिया । और उस सेठ को सजा सुनाई । इसके बाद उस जज को वो पोस्टमैन मिला ।उसने  जज को बताया कि उसे रघुनाथ नाम का कोई भी आदमी उस गांव में नही मिला ।इसलिए उसने वो नोटिस रघुनाथ जी के मंदिर में दे दिया । उसके बाद वो जज भोला के पास गया और पूछा कि ये रघुनाथजी कहाँ पर रहते है ।उन्होंने कहा कि मैं जिस मन्दिर में रहता हूं ।वहाँ के भगवान है रघुनाथजी। फिर वो उस मंदिर में गये तो पुजारी ने सारी बात बता दी ।फिर उस जज को समझ मे आया कि अपने भोले भक्त को बचाने के लिए भगवान गवाही देने भी आ जाते है।उस दिन के बाद उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पंडित बनकर रोज उस मंदिर की मिटी को अपने माथे पर लगाने लगे ।दोस्तो ये एक सच्ची घटना है ।और हमे इस कहानी से ये सिख मिलती है ।कि अगर मैं में भगवान के प्रति विश्वास हो तो भगवान अदालत में गवाही देने भी आ जाते हैं ।
दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी हमे कॉमेंट करे अगर अछि लगे तो शेयर करे।
            धन्यवाद 

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