जब हाथी के बुलाने पर भगवान दौड़े चले आये spritual stories in hindi
गजेंद्र मोक्ष का पाठ हिंदी में जब हाथी के बुलाने पर भगवान दौड़े चले आये
हेलो दोस्तो आपका स्वागत है, hindi soch के spiritual kahaniya पर । मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया।दोस्तो आप जानते है कि जब कोई भक्त भगवान को अंतर्मन से याद करके बुलाता है। तो भगवान दौड़े चले आते हैं।चाहे वो भक्त कोई इंसान हो या कोई जानवर । आज मैं आपको ऐसी ही एक कहानी बताऊंगा ।तो चलिए शुरू करते हैं।
गजेंद्र मोक्ष का पाठ हिंदी में
गजेंद्र का उद्धार |
दोस्तो ये कहानी एक हाथी और एक मगरमच्छ की है। दोस्तो ये हाथी पिछले जन्म में एक राजा था ।और वो मगरमच्छ एक गन्धर्व था। वो राजा बहुत ही धर्मिक था ।और अपना राज पाठ छोड़कर एक पर्वत पर भजन करने लगा ।वो भगवान विष्णु की भक्ति में ही खोया रहता था।एक दिन उस पर्वत पर एक ऋषि आये ।वे राजा के सामने आए पर राजा ने उन की तरफ ध्यान नही दिया ।तो उन ऋषि को क्रोध आया और उन्होंने राजा को हाथी बनने का श्राप दे दिया ।और इसी प्रकार उस मगरमच्छ जो कि पिछले जन्म में एक गंधर्व था उसको भी ऋषि का पैर पानी मे खींचने के कारण मगरमच्छ बनने का श्राप मिला ।और वो उसी सरोवर में रहने लगा ।एक दिन वो गजेंद्र हाथी अपने परिवार के साथ उसी सरोवर पर जल पीने आया तो उस मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया और उसको पानी मे खींचने लगा ।वो हाथी भी बहुत शक्ति शाली था वो उस मगरमच्छ को बाहर की और खींचने लगा ।पर पानी मे मगरमच्छ की शक्ति ज्यादा होती है इसलिए वो मगरमच्छ उसको फिर से पानी मे खींचने लगा और इसी तरह उनका ये खींचातानी बहुत समय तक चलती रही ।और हाथी की शक्ति कम होने लगी ।और उस हाथी को आधा पानी के अंदर खींच लिया उस हाथी ने अपने परिवार से मदद मांगी पर उन्होंने हाथी की मदद नही की और वह से चले गए ।हाथी ने सब सहारे जाते देखे और उसने सोचा कि अब मैं बच नही पाऊंगा ।फिर उसने उस सरोवर में से एक पुष्प तोड़ा ओर भगवान विष्णु की स्तुति करने लगा ।
उसके स्तुति करते ही भगवान विष्णु वैकुण्ठ से दौड़े चले आये और सुदर्शन चक्र से उस मगरमच्छ का वध कर दिया।उसका वध होते ही उसकी मुक्ति हो गई।और बाद में भगवान विष्णु के दर्शन के कारण उस हाथी की भी मुक्ति हो गयी।
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धन्यवाद ।
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