बर्बरीक एक महान योद्धा in Spiritual short story in hindi soch
बर्बरीक एक महान योद्धा in Spiritual short story in hindi soch
बर्बरीक एक महान योद्धा
बर्बरीक एक महान योद्धा |
- हेलो दोस्तों आपका स्वागत है
Spiritual short story in hindi soch और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया। दोस्तो आपने महाभारत के बारे में सुना होगा या उसके कई tv सीरियल भी आये है।शायद आपने उन tv सीरियल देखा होगा ।दोस्तो वैसे तो महाभारत में बहुत से ऐसे लोग है जिनका जीवन चरित्र बहुत ही अद्भुत है जैसे भीष्म पितामह ,द्रोणाचार्य, महारथी कर्ण,अर्जुन,एकलव्य ।दोस्तो महाभारत में एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसके बारे में कम लोगो ने ही सुना होगा ।दोस्तों उसका नाम था बर्बरीक जिसको कलयुग का खाटू श्याम जी भी कहते है। दोस्तो बर्बरीक के बारे में लिखा गया है कि अगर वो महाभारत युद्ध मे भाग लेता तो इस युद्ध का नतीजा कुछ और ही होता ।उसकी शक्ति को भगवान कृष्ण भी जानते थे।
बर्बरीक कोन थे और उनकी कहानी क्या थी?
दोस्तो बर्बरीक भीम के पुत्र घटोत्कच का पुत्र था।अर्थात वो भीम का पोता था।दोस्तो भीम अपनी दादी के पास ही रहता था ।उसकी दादी उसको बहुत सी ज्ञान की बाते कहानियों के माध्यम से बताती थी और भगवान कृष्ण की बचपन की लीलाएं सुनाया करती थी और बताती थी कि श्री कृष्ण की भक्ति से ही मोक्ष प्राप्त होता है।फिर वो उनको पूछता है कि मुक्ति का सबसे सरल मार्ग कोनसा है ।तो उसकी दादी ने बताया कि अगर किसी के मृत्यु के समय अगर श्री कृष्ण अगर उस के सामने हो तो उसकी तुरन्त ही मुक्ति हो जाती है।ये बात बर्बरीक के मन मे घर कर गयी और उसने सोचा कि अगर मेरी मृत्यु श्री कृष्ण के हाथों होगी तो वो मेरे सामने होंगे। लेकिन वो मुझे क्यो मारेंगे ।फिर वो बहुत तपस्या करने लगा और बहुत घोर तपस्या से प्रसन्न होकर उसको के वरदान मिले ।और उसको तीन तीर मिले जिससे वो बहुत ही शक्तिशाली हो गया ।और तभी महाभारत का युद्ध शुरू हो गया वो अपनी माँ के पास गया और उनसे युद्ध मे भाग लेने की आज्ञा मांगी तो।उनकी माता ने कहा कि बेटा जाओ मगर जो पक्ष कमजोर हो उसकी तरफ से युद्ध करना ।उसकी माता का इशारा पांडवो की तरफ था क्योंकि उनकी सेना बहुत कम थी। फिर बर्बरीक युद्ध के लिए निकल गया ।वहाँ श्री कृष्ण को पता चल गया और उन्होंने एक ब्राह्मण का वेश बनाया ।और बर्बरीक के पास आकर उसके आने का कारण पूछा तो उसने कहा कि मैं यहां युद्ध मे भाग लेने आया हु ।तो श्रीकृष्ण ने पूछा कि किसकी तरफ से युद्ध करेंगे आप ।तो बर्बरीक बोला जो पक्ष कमजोर हो उनकी तरफ से भाग लूंगा और एक दिन में ही ये युद्ध खत्म कर दूंगा।तो श्री कृष्ण ने पूछा वो कैसे। तो बर्बरीक बोला कि इसका जवाब मेरे ये बाण देंगे। और वो उनको एक पेड़ के पास ले गया और बोला कि मैं एक ही बाण से इस पेड़ के सारे पत्तो को निशाना बनाकर भेद सकता हु ।और उसने बाण चलाया।श्री कृष्ण ने भी एक पत्ता तोड़कर अपने पैरो के नीचे रख लिया ।और उस बाण ने सारे पत्तो को भेद दिया।और श्री कृष्ण के पैरों के पास आकर रुक गया ।श्री कृष्ण ने अपना पैर हटाया और उस बाण ने उस पत्ते को भी भेद दिया। अब श्री कृष्ण अपने वास्तविक रूप में आ गए ।और उनको कहा कि पांडव तुम्हारे दादा है।तुम उनकी तरफ से युद्ध करो पर वो अपनी बात पर अडिग रहा और श्री कृष्ण ने सुदर्शन से उसका सिर काट दिया।उसने श्री कृष्ण को प्रणाम किया और कहा कि हे प्रभु मुझे पता है कि आपके हाथों मृत्यु के कारण मेरी मुक्ति इस वक्त ही होजाएगी किन्तु मैं ये युद्ध देखना चाहता हूं ।कृपया मुझ पर कृपा करें ।तो श्री कृष्ण ने उसका शीश एक बहुत ऊंचे पर्वत पर पहुंचा दिया और वहाँ से बर्बरीक ने पूरा युद्ध देखा।युद्ध समाप्त होने के बाद पांडव वहाँ आये और बर्बरीक से पूछा कि तुमने तो पूरा युद्ध देखा है ।तुम ये बताओ कि किसने ज्यादा वीरता दिखाई।तब बर्बरीक बोला कि मुझे तो बस श्री कृष्ण का सुदर्शन चक्र ही सबको मारते हुए दिख रहा था। ये सुनकर सब चोंक गए। और श्री कृष्ण ने बर्बरीक को वरदान देते हुए कहा कि कलयुग में लोग तुम्हारी पूजा भी करेंगे और तुमको कलयुग के श्याम के नाम से जानेंगे ।दोस्तो खाटू श्याम जी मे आज भी वो पेड़ है ।दोस्तो आपको ये पोस्ट कैसा लगा कॉमेंट करे अगर अच्छा लगे तो शेयर करे। और नीचे मेरे फ़ेसबुक पेज को भी लाइक करे
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