Sukh aur dukh motivational story in hindi soch
Sukh aur dukh motivational story in hindi soch
Way of happiness Sukh aur dukh motivational story in hindi soch
Way of happiness |
दोस्तो हर किसी की जिंदगी में सुख और दुःख आते है ।और सब को सुख और दुःख भोगना ही पड़ता है अगर किसी की किस्मत में कोई सुख लिखा है तो वो चाहे या न चाहे वो सुख उसको मिलता ही है और अगर किसी के भाग में दुःख लिखा है तो वो भी उसको मिलकर ही रहेगा। इसलिए ज्ञानी लोग कहते है जो होता है वो अच्छा ही होता है। इस बात को हम एक कहानी के माध्य्म से जानते है।तो चलिए शुरू करते है।
Kismat ka likha milke hi rahta hai
एक बार प्राचीन काल मे एक ऋषि अपना आश्रम बना कर रहते थे ।और वो ऋषि त्रिकाल दर्शी थे यानी कि वो सबका भूतकाल वर्तमान और भविष्य सब कुछ जान सकते थे ।उनका एक शिष्य था ।वो बहुत ही आलसी था । वो सोचता था कि गुरुजी त्रिकाल दर्शी होने का नाटक करते है असल मे उनको कोई ज्ञान नही है।और वो सोचता है कि किसी युक्ति से मैं गुरुजी को अपने वश में कर लूं ताकि मुझे कोई काम न करना पड़े ।तब वह गुरुजी के पास जाता है।और कहता है कि गुरुजी सब कहते है कि आप त्रिकाल दर्शी है क्या आप बता सकते है कि आज मैं क्या खाऊंगा।गुरुजी उसकी मन की बात को जान लेते है और कहते है कि मैं तुमको बात दूंगा लेकिन अगर मेरा बताया सच हुआ तो तुमको इस आश्रम का सारा काम बिना कहे ही करना होगा।अब वो शिष्य सोचता है कि मैंइनकी बात मान लेता हूं ।क्योंकि जो गुरुजी कहेंगे वो मैं खाऊंगा ही नही आज के दिन मैं उपवास कर लूंगा।
और वो गुरुजी की बात मान जाता है ।और गुरुजी उसको बताते है कि वो आज खीर खायेगा। वो फिर अपने घर जाता है और देखता है कि उसके घर पर खीर बनी है।
वो अपने घर से बाहर निकलता है ।और जंगल मे चला जाता है।और सोचता है कि यहाँ पर मुझे कोई डर नही अगर घर मे होता और गलती से खीर खा लेता तो मुझे सारे आश्रम का काम अकेले ही करना पड़ता।
वो उस जंगल मे एक बड़े पेड़ के ऊपर जाकर बैठ जाता है ।
की तभी कुछ लोग वह पर आते है और कहते है कि आज थोड़ी देर यहाँ पर आराम और खाना पीना कर लेते है।
वो उसी पेड़ के नीचे बैठ कर खाना बनाने लग जाते है ।आउर वो मीठे में खीर बनाते है अब वो शिष्य सोचता है कि जंगल मे भी ये खीर मेरा पीछा नही छोड़ रही। की तभी वहाँ पर डाकू आ जाते है और वो सभी लोग वहां पर सारा सामान छोड़कर भाग जाते है। वो लोग वहां पर खाना बना देखते है कि यहां पर खाना बना हुआ है और उनको शक होता है कि कही वो लोग इसमे जहर तो नही मिला कर गए ।ताकि हम ये खाना खाएं और मर जाये । की तभी एक डाकू को वो शिष्य पेड़ पर चढ़ा हु दिखता है ।वो लोग उसको जबरदस्ती नीचे उतारते है ।
और वो खाना उसको खिलाते है ।अंत मे वो उसको खीर खाने के लिए कहते है उसने कहा कि मैं ये खीर नही खाऊंगा तब एक डाकू बोलता है कि शायद उन्होंने इस खीर में ही जहर मिलाया होगा। इसलिए ये खीर नही खा रहा है ।वो जबरदस्ती उसको वो खीर खिला देते है।पर उसको कुछ नही होता। तब वो डाकू बोलते है कि खीर में जहर नही था तो तुम इसको क्यो नही खा रहे थे।तब वो उनको सारी बात बताता है वो सभी डाकू उसपर हंसने लगते है ।और उसको छोड़ देते है ।वो शिष्य भागा भागा अपने गुरुजी के पास जाता है ।और उनका सेवक बनकर ही जीवन बिताता है।
दोस्तो जो हमारी किस्मत में लिखा है ।वो हमें मिलकर ही रहेगी ।इसलिए हमको फल के बारे में न सोच कर बस अपना कर्म करना है ।और जैसा हम कर्म करते है उसी के हिसाब से हम को सुख और दुःख मिलेंगे।
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धन्यवाद
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