विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 3 in hindisoch
विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 3 in hindisoch
Fantasy stories in hindi soch |
दोस्तो पिछले पार्ट में हमने पढ़ा कि सुश्वान विनय और उसके दोस्तों को लुप्तरूप को पाने का रास्ता बताते है और उनको वहाँ के खतरे और उनसे बचने का उपाय भी बताते है।
अब मैं उससे आगे की कहानी लिख रहा हु।तो चलिए शुरू करते है।
विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 3
सुश्वान ने उन चारों को पंचशीषनाग से बचने का उपाय बता दिया था लेकिन ये भी कहा था कि अगर विषड्रैगन ने अपना विष तुम्हारे ऊपर गिरा दिया तो तुम उसी समय जल कर राख हो जाओगे।इसलिए थोड़ी सावधानी से जाना।वो चारो अश्वमत्कार की पूंछ के आखरी तयखाने के पास जाते है.।
वहाँ उनको एक दरवाजे पर पांच सिर वाले एक सांप का चिन्ह उनको दिखता है।
विनय उस चिन्ह को घुमाता है जिससे वो दरवाजा खुल जाता है वो चारो अंदर चले जाते है।
फिर वो दरवाजा बंद हो जाता है। वहाँ पर बहुत ही अंधेरा होता है। लिली प्रकाशित भव: मन्त्र बोलती है और वहाँ पर रोशनी हो जाती है ।
उस जगह पर बहुत ही गन्दगी थी चारो ओर जाले लगे हुए थे।और सब तरफ बहुत ही धूल मिट्टी थी।
वो उस तयखाने मे आगे बढ़े ।की तभी उन चारों को कुछ आवाज आई।
जुली बोली कि ये कैसी आवाज है जैसे कोई सांप फुंकार रहा हो कही वो पंचशीषनाग हमारे आस पास तो नही।लिली ने कहा विनय वो छड़ी निकालो।
जो सुश्वान ने हमे दी थी।विनय वो छड़ी निकालता है।लेकिन तभी पंचशीषनाग उनपर हमला कर देता है
वो चारो अलग अलग हो जाते है पर अचानक हमले की वजह से विनय के हाथ से वो छड़ी गिर जाती है।
उसको देखकर वो चारो डर गए। क्योकि उन्होंने ऐसा जीव पहले नही देखा था। वो लगभग 15 फुट का था उसके दांत बहुत तेज थे।
लेकिन विनय ने कहा कि मैं उसका ध्यान भटकाता हु तब तक तुम वो छड़ी उठा लेना।
विनय ने नीचे पढ़ पत्थर उठाया और उसका ध्यान अपनी तरफ खींचा।तब तक चन्द्रवीर ने वो छड़ी उठा ली और पंचशीषनाग के सामने हिलाने लगा।
क्योकि सुश्वान ने कहा था कि उसके सामने छड़ी को हिलाने से पंचशीषनाग तुम्हारे वश में हो जाएगा।
फिर वो चारो वहाँ से आगे चले जाते है।वहाँ पर उनको एक और दरवाजा दिखता है। और वो उस दरवाजे को भी पार कर अंदर चले जाते है।
अंदर भी अंधेरा था और फिर लिली ने प्रकाशित भव: का मंत्र पढ़ा ।उसके बाद वह पर रोशनी हो गयी।
उन्होंने देखा कि विषड्रैगन अभी सो रहा है तो वो धीरे धीरे से आगे बढ़ते है ।आगे उनको एक कमरा दिखता है ।
जहाँ प्रकाश ही प्रकाश होता है।
वहाँ पर बहुत सी अनमोल चीजे थी।और एक कांच के गोल लुप्तरूप भी था ।विनय ने लुप्तरूप उठाया और वहाँ से जाने लगे। की तभी वो विषड्रैगन भी उठ गया।
वो चारो इधर उधर भागने लगे।विषड्रैगन ने अपना विष जुली के ऊपर फैंका लेकिन विनय ने उसको हटा दिया पर वो विष विनय के ऊपर गिरा।सबने सोचा कि अब विनय नही बचेगा।लेकिन विनय को कुछ नही होता।
ये सब कुछ देखकर विषड्रैगन बोल पड़ा क्या तुम अग्नि वंशी हो।विनय ने कहा कि हाँ।
तब उस ड्रैगन ने बताया कि किसी अग्नि वंशी पर मेरे विष का कोई असर नही होता। और फिर विनय और उसके दोस्त लुप्तरूप लेकर वहाँ से चले जाते है। इस प्रकार वे अपना पहला एडवेंचर पूरा किया।
धन्यवाद।
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