विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 1 in hindi soch

विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 1 in hindi soch

हेलो दोस्तो आपका स्वागत है hindi soch में और मैं आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया
कल हमने विनय और उसके दोस्तों के बारे में जाना कि उसकी दोस्ती कैसे हुई आज के अध्याय में मैं विनय और उसके दोस्तों के पहले एडवेंचर के बारे में लिखूंगा ।तो चलिए शुरू करते है।

विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर

       विनय को अश्वमत्कार में लगभग एक महीना हो गया और वो बहुत ही जल्दी जादू करना सीख रहा था।
 उसने कई जादू पर तो महारथ हासिल कर लिया था जैसे किसी को हवा में उड़ाना या किसी वस्तु को किसी दूसरी वस्तु में बदल देना और भी बहुत से जादू।
चाहे वो कितना भी जादू सिख ले लेकिन वो सुबह जल्दी उठना नही सिख पाया।अब भी चन्द्रवीर ही उसको उठाता है। दोनों दोस्त तैयार होकर अपने क्लास में जाते है।

विनय की पहली रेस और जीत

आज उनकी स्पोर्ट्स की क्लास होती है जिसमे एक उड़ने वाला जीव जिसका आकार एक चूहे के जैसा होता है।उसका नाम मुक्षी होता है।
उसको जाली में पकड़ना है। जो सबसे पहले उसको पकड़ेगा वही विजेता होगा।
सभी बच्चे अपने अपने कालीन निकालते है।विनय भी अपना कालीन लेकर आता है जो उसके चाचा ने दिया था
।इस एक महीने में उसने कालीन पर उड़ना भी सिख लिया था।
अब रेस शुरू होती है। मुक्षी को उड़ा दिया जाता है।फिर सभी बच्चे भी उसके पीछे अपने कालीन से चले जाते है।
मुक्षी  भले ही छोटा होता है पर वो बहुत तेज होता है।
इस रेस में केवल लड़के ही भाग ले सकते है इसलिए लिली और जुली विनय और चन्द्रवीर का नीचे रहकर ही हौसला बढ़ाते है।
विनय और सैंड जॉल रेस में सबसे आगे होते है और सैंड उसको कहता है कि मैं ही जीतूंगा चाहे तुम कितनी भी कोशिश कर लो ।
वो विनय से नाराज होता है क्योंकि सैंड और चन्द्रवीर एक दूसरे को पसंद नही करते।
सैंड ने विनय को चन्द्रवीर के साथ दोस्ती न रखने को कहा पर विनय ने चन्द्रवीर से दोस्ती नही तोड़ी।
इसलिए सैंड विनय से नाराज था और विनय को हराने ले लिए अपने दोस्तों से मिलकर प्लान बनाया था।
सैंड के दोस्तो ने विनय के कालीन पर जादू किया और विनय का कालीन उल्टा हो गया लेकिन विनय ने कालीन को पकड़ लिया और गिरने से बच गया।
वो फिर से अपने कालीन पर चढ़ गया।सैंड के दोस्तो ने फिर जादू करने की कोशिश की लेकिन जुली ने उसको देख लिया और उन पर भ्रमितम जादू कर दिया ।
जिससे वे भ्रम में पड़ गए कि अब उनको क्या करना है।
अब विनय रेस में फिर से सबसे आगे आ जाता है और मुक्षी को पकड़कर रेस को जीत जाता है।
 फिर चारो दोस्त मिलकर इसकी खुशी मनाते है। बाद में जब वो पढ़ने के लिए लाइब्रेरी में जाते है।
तो वहाँ पर उनको एक किताब मिलती है।जिसके ऊपर विनय का खानदानी चिन्ह होता है।
विनय चकित हो जाता है कि उसका खानदानी चिन्ह इस किताब पर क्या कर रहा है।उसको चकित देखकर चन्द्रवीर बोलता है।क्या दोस्त इस किताब से प्यार हो गया क्या जो एकटक इसको देखे जा रहे हो ।
विनय बोला नही नही  मैं तो ये निशान देख रहा हु ए मेरे खानदानी निशान की तरह है।
कहीं तू चिरगोजे के खानदान से तो नही है चन्द्रवीर ने चुटकी लेते हुए कहा और फिर जोर से हंसने लगा।जुली ने चन्द्रवीर को कहा चुप हो जाओ ।
विनय को बोलने दो।विनय बोला की मैं एक अग्निवंशी हु और ये मेरा खानदानी चिन्ह है।
और वो चारो उस किताब को वहाँ से ले गए ।वो चारो उस किताब को पढ़ने लगे और विनय को लाल पत्थर का चित्र दिखा और उसके बारे में जानकारी लिखी थी।
विनय की मौसी सावित्री ने विनय को पहले ही उस पत्थर के बारे में बता दिया था।
और ये भी बताया था कि वो कहा पर है।
फिर उसने उस किताब को आगे पढ़ा आगे एक और चीज के बारे में लिखा था।एक छोटा कांच का गोला जिसको हाथ मे लेकर अहम विलुप्तम मंत्र पढ़ते ही कोई भी गायब हो सकता था।
वो किसी को भी दिखाई नही देता पर वो सबको देख सकता था।
उस गोले की एक और भी ख़ासियत थी जो भी उसको हाथ मे लेकर मन मे किसी के बारे में सोच कर रूपान्तर भव: मन्त्र बोलता है वो जिसके बारे में सोचता है उसके रूप में आ जाता है।
विनय ने पढ़ा कि ये गोला जिसका नाम लुप्तरूप है ।ये अश्वमत्कार की पूंछ के आखरी छोर पर स्थित एक तयखाने मे है। तब लिली बोलती है कि उस तयखाने मे जाना मना है।क्योकि जो भी वहाँ गया है कभी लौटकर नही आया।
विनय कहता है जब हम चारो साथ है तो कोई भी मुसीबत हमारा कुछ नही बिगाड़ सकती और फिर वो चारो अपने पहले एडवेंचर पर निकलते है।
पार्ट 1एन्ड 

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