विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 2 in hindisoch

विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 2 in hindisoch

Fantasy stories in hindi soch
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दोस्तो आपका स्वागत है hindi soch में और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया दोस्तो हमने पिछले पार्ट मे पढ़ा कि और उसके दोस्तों को एक किताब मिली।
 जिसमे लाल पत्थर और लुप्तरूप नाम के एक जादुई गोले के बारे में बताया गया था।
फिर उनको ये भी पता चलता है कि लुप्तरूप अश्वमत्कार में ही है।और वो वहाँ से लुप्तरूप को खोजने के लिए चले जाते है। आज हम इसके आगे की कहानी पढ़ेंगे। तो चलिए शुरू करते है।

विनय और उसके दोस्तों का पहला एडवेंचर पार्ट 2

         विनय और उसके दोस्त पहले सुश्वान के पास जाते है क्योंकि सुश्वान को अश्वमत्कार के बहुत से तयखाने के बारे में मालूम था और वो उन चारों का बहुत ही अच्छा दोस्त बन गया था।तो वो सुश्वान के पास जाते है।सुश्वान उस समय ध्यान में था ।
उसका शरीर बहुत ही चमक रहा था।सुश्वान आंतरिक शक्तियों का मालिक था।
जब वो चारो उसके कमरे में से वापिस जाने लगे तो सुश्वान बोला क्या हुआ वापिस क्यो जा रहे हो ।
चन्द्रवीर ने कहा कि आप ध्यान में थे इसलिए हमने आपको डिस्टर्ब नही किया।
सुश्वान बोला क्या हुआ क्यो आये हो ।तब जुली ने कहा कि हमे लुप्तरूप नाम के एक कांच के गोले के बारे में पता चला है।
 हम उसको ही ढूंढने जा रहे है।तब सुश्वान बोला कि तुम वहाँ पर मत जाओ वहाँ पर बहुत ही खतरा है।
तब विनय ने कहा कैसा खतरा है !

पंचशीषनाग और विषड्रैगन 

सुश्वान ने कहा कि लुप्तरूप अश्वमत्कार की पूंछ के एक तयखाने मे है और वहाँ पर बहुत ही ख़तरनाक जीव है ।
कौनसे खतरनाक जीव है वहाँ पर लिली ने पूछा ।सुश्वान ने बताया कि पंचशीषनाग और विषड्रैगन है।जिनको पार करने के बाद ही लुप्तरूप को पाया जा सकता है और उनको पार करना नामुमकिन है।
विनय ने कहा हमको पता है कि वहाँ पर बहुत खतरा है ।इसलिए ही हम आपके पास आये है।
क्योंकि आपके पास हर समस्या का हल होता है।उनको पर करने का भी कोई रास्ता आपके पास होगा।
रास्ता तो है पर फिर भी उनको पर करना बहुत ही मुश्किल है।क्योंकि पंचशीषनाग को तो तुम शायद पर कर लोगे लेकिन विषड्रैगन को पर करना बहुत ही मुश्किल है।
क्योकि विषड्रैगन अपनी सांस के साथ ही विष छोड़ता है।अगर कोई उसके सम्पर्क में आ जाये तो उसकी मौत भी हो सकती है।

शुर का पेड़

क्या उससे बचने का कोई रास्ता नही है चन्द्रवीर ने पूछा।तब सुश्वान बोला उससे बचने का उपाय बहुत कठिन है।अश्वमत्कार के बाग में एक शुर नाम का पेड़ है।उसके पत्ते के रस को पीने से उस विष का तुम पर कोई असर नही होगा जो उसकी सांस से निकलेगा।
लेकिन उसके मुंह का जहर तुमको भस्म कर सकता है क्योंकि वो जहर तेजाब की तरह होता है जहाँ पर गिरता है उस चीज को जलाकर राख कर देता है।
बस तुमको उससे बचना होगा।तब जुली शुर के पेड़ के पत्तो को बाग से तोड़कर लाती है और उसका रस निकालकर सब पी लेते है।
सुश्वान उनको वहाँ जाने का रास्ता बताता है कि जब तुम अश्वमत्कार के पुंछ के आखरी छोर पर पहुंचोगे तो तुमको वहाँ पर एक दरवाजा दिखेगा।
 जिसके ऊपर पांच सिर वाले एक सांप का चिन्ह होगा उस चिन्ह को दायीं ओर घुमाना है।
उसके बाद उस दरवाजे पर लगी रस्सी को खींचना है वो दरवाजा खुल जाएगा।

नागवश छड़ी

सुश्वान उनको एक छड़ी देता है जिसके कोने पर एक नाग की आकृति होती है।सुश्वान कहता है कि ये नागवश नाम की छड़ी है।जब तुम पंचशीषनाग के सामने पहुंचोगे तो उसके सामने ये छड़ी हिलाते रहना।
थोड़ी देर में वो तुम्हारे वश में हो जाएगा और तुमको कोई नुकसान नही पहुंचाएगा।
फिर आगे तुमको एक और दरवाजा मिलेगा ।
आगे की कहानी अगले भाग में।

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