नवरात्रि 2019 माता ब्रह्मचारिणी की कथा in hindi soch

नवरात्रि 2019 माता ब्रह्मचारिणी की कथा in hindi soch




नवरात्रि 2019 माता ब्रह्मचारिणी की कथा

Navratri 2019 माता ब्रह्मचारिणी image
Navratri 2019 माता ब्रह्मचारिणी image


हेलो दोस्तो आपका स्वागत है hindi soch में और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया।
दोस्तो आपको hindi soch में बहुत प्रकार की कहानियां और जानकारी प्रदान करता हु।
 दोस्तो आज से नवरात्रि प्रारम्भ हो गयी है और हिन्दू धर्म मे इन 9 दिनों का बहुत महत्व है।इन 9 दिनों में माता दुर्गा के 9 रूपो की पूजा की जाती है।
इन 9 दिनों में अलग अलग रंग के कपड़े पहनने का भी चलन है। नवरात्रि में लोग 9 दिन तक डांडिया भी खेलते है और कई जगहों पर गरबा भी खेला जाता है।

नवरात्रि में 9 दिन मे दुर्गा के किस रूप की पूजा की जाती है।





  • नवरात्रि के पहले दिवस माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्म चारिणी माता की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि के तीसरे दिन माता चन्द्रघण्टा की पूजा होती है।
  • नवरात्रि के चौथे दिन माता  कूष्मांडा जाती है
  • नवरात्रि के पांचवे दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है।
  • नवरात्रि के नवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के दूसरे दिन किस देवी की पूजा की जाती है

नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।
माता ब्रह्मचारिणी को पीला रंग प्रिय है। इसलिए माता ब्रह्मचारिणी को पीले वस्त्र अर्पण किये जाते हैं और खुद को भी पिले वस्त्र धारण करने चाहिए।
बहुत तप करने के कारण इनको तपचारिणी भी कहा जाता है।

माता ब्रह्मचारिणी की कथा





       आपको पता होगा कि हिमालय पर्वत कि पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है और इन्होंने नारद जी के कहे अनुसार भगवांन शिव को अपना पति बनाने के लिए इन्होंने बहुत कठिन तप किया।
माता ब्रह्मचारिणी वर्षों तक निराहार रही।वो बहुत ही सुकोमल थी फिर भी उन्होंने कठोर तप किया।
उनकी कठोर तपस्या देखकर भगवान शिव ने उनको दर्शन दिया और कहा कि मुझे पति रूप में पाने के लिए जो तुमने तपस्या की है वो आप ही कर सकती है और कोई नही कर सकता।
इतनी कठोर तपस्या के कारण भगवान शिव उनको पति रूप में मिले।
जो भी दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है।उनको सर्वसिद्धि प्राप्त होती है।ये थी माता ब्रह्मचारिणी की कथा।




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