विनय और जादूगर शाशा की जादुई किताब in hindisoch
विनय और जादूगर शाशा की जादुई किताब in hindisoch
हेलो दोस्तो आपका स्वागत है hindisoch में और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया।दोस्तो अभी तक जादूगरों का जादूगर fantasy सीरीज के 3 अध्याय आप पड़ चुके है ।
आज इसका चौथा अध्याय लिख रहा हु ।
अगर अच्छा लगे तो कॉमेंट और शेयर कर देना।तो चलिए शुरू करते है।
विनय और शाशा की जादुई किताब
विनय और उसके दोस्त लुप्तरूप को लेकर सुश्वान के पास आये जब वो सुश्वान के पास आये की तभी विनय बेहोश हो जाता है।चन्द्रवीर उसको उठाने की कोशिश करता है ।पर वो होश में नही आता।उसके तीनो दोस्त चिंता में पड़ जाते है।
पर सुश्वान उनको बताता है कि चिंता मत करो इसे कुछ नही हुआ है।विषड्रैगन के विष की वजह से ये थोड़ी देर के लिए बेहोश हो गया है।
लेकिन इसको कुछ देर बाद होश आया जाएगा तुम इसको आराम करने दो।फिर वो सभी सुश्वान से पूछते है कि आपको ये सब कैसे पता चला कि विनय पर विषड्रैगन के विष का असर है।तब सुश्वान उनको एक जादुई बर्तन के पास ले जाता है। जिसमे पानी के जैसा कुछ तरल पदार्थ था।सुश्वान बताते है कि मैं इस जादुई बर्तन की वजह से तुमको देख रहा था कि कही तुम किसी खतरे में न पड़ जाओ।
लिली बोली कि आपने तो कहा था कि उस विषड्रैगन के विष से तो लोहा भी पिघल जाता है।पर विनय को कुछ भी नही हुआ।ये बात हमको समझ मे नही आ रही।
आप हमे बताइये कि ये कैसे हुआ। तब सुश्वान ने कहा कि विनय एक अग्निवंशी है और विषड्रैगन अग्निवंशीय जीव है।उसका जहर अगर किसी और पर गिरता तो वो वहीं भस्म हो जाता।विनय उस विष के प्रभाव से थोड़ा मूर्छित हो गया है।
उसको थोड़ी देर में होश आया जाएगा।तुम लोगो ने बहुत ही बहादुरी और समझदारी से लुप्तरूप को प्राप्त किया है।
मुझे लगता है कि अब समय आ गया है तुमको जादू के छुपे हुए राज को बताने का।
विनय भी अब उठ चुका था ।उसको भी सुश्वान ने जादू के छुपे हुए कई राज बताने का फैसला किया।
सुश्वान अपने कमरे के कोने में पड़ी एक पुरानी अलमारी में प्रगटम भव: मन्त्र पढा। मन्त्र पढ़ते ही वहाँ पर एक दूसरी अलमारी आ गयी उस अलमारी के अंदर से सुश्वान ने एक किताब निकाली और उन चारों बच्चों के पास लेकर आया।चन्द्रवीर ने पूछा कि ये कोनसी किताब है।
तब सुश्वान बोला की ये महान जादूगर शाशा कि किताब है।इस किताब में उन्होंने कई जादुई जीवो, कई जादुई चीजो ,के जादुई यंत्रो और कई जादुई मन्त्रो के बारे में लिखा है।मैने तुम्हारा आज का कारनामा देखकर ही तुमको चुना है।
मैं तुमको इस किताब के कई रहस्य बताऊंगा।जो तुमको और कहि पर भी नही मिलेंगे।
फिर उन्होंने वो किताब खोली उसपर सबसे पहले लुप्तरूप के बारे में लिखा था।
तब विनय ने कहा कि लुप्तरूप के बारे में तो उस किताब में भी लिखा था जो मुझे लाइब्रेरी में मिली थी।
तब सुश्वान ने कहा है उस किताब में लिखा था लुप्तरूप के बारे में लेकिन उस किताब में विषड्रैगन और पंचशीषनाग के बारे में नही लिखा था।
उन जीवो से कैसे बचना है ये भी नही लिखा था लेकिन शाशा की इस किताब में सभी जादुई चीजो के बारे में लिखा है और ये भी लिखा है कि ये चीजें कहा मिलेगी ।
इसको पाने में क्या खतरे मिलेंगे और उनसे कैसे बचना है।
मैं लुप्तरूप को पहले ही ले आता ।लेकिन उस विषड्रैगन को केवल अग्निवंशी ही पर कर सकता था।
इसलिए मैंने तुमको नही रोका क्योकि मुझे पता था कि तुम ही लुप्तरूप को ले सकते हो।
फिर सुश्वान ने अगले पन्ना पलटा उसमे एक कालीन के बारे में लिखा था ।ये एक ऐसा कालीन था जिसके आगे के भाग में गरुड़ का मुख था ।बीच मे समतल और आखरी में किसी पक्षी की पूंछ की तरह था।
उसकी खासियत ये थी कि ये कालीन कही भी जा सकता था ये समुद्र या नदियों के अंदर भी जा सकता था ।
ये अंतरिक्ष मे भी जा सकता था और जो भी इस पर रहता उसको कोई भी परेशानी नही होती चाहे वो पानी मे हो या अंतरिक्ष मे ।
ये कालीन अपना आकर उसमे बैठे व्यक्तियों के हिसाब से बड़ा या छोटा कर सकता था।
इसके ऊपर कितने भी व्यक्ति यात्रा कर सकते थे।पर ये तुमको अश्वमत्कार के अंदर नही मिलेगा।इसके लिए तुमको यहाँ से बाहर जाना होगा।
आपको इसके आगे की कहानी के बारे में जानने की इच्छा है तो कॉमेंट करे या आप बताये की इसके आगेे क्या होना चाहिये।
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