जादूगरों का जादूगर full story of a magician in hindi soch
जादूगरों का जादूगर full story of a magician in hindi soch
Fantasy story in hindi soch |
दोस्तो हमने जादू की बहुत सी कहानिया सुनी है। और बहुत से सीरियल भी देखे है और आज मैं आपके लिए जादू की दुनिया की एक सीरीज लेकर आ रहा हु ।
दोस्तो इस सीरीज को मैं आज से ही शुरुआत कर रहा हु। दोस्तो ये सीरीज आपको बहुत ही अच्छी लगेगी अगर मुझसे लिखने में कोई गलती हो जाये तो आप मुझे कॉमेंट में बता सकते है।
ये कहानी काल्पनिक है जिसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई सम्बन्ध नही है।
तो चलिए शुरू करते है।
जादूगरों का जादूगर
मुम्बई शहर के चेम्बूर इलाके में एक लड़का अपने बुआ फूफा के साथ रहता था ।उसकी उम्र लगभग 10 साल होगी उसका नाम विनय था ।विनय के माता पिता के मरने के बाद वो अपने बुआ और फूफा के घर पर रहता था।
उसके माता पिता की मौत तब हुई जब विनय महज 2 साल का ही था। विनय रोज एक सपना देखता था जिसमे वो एक अलग ही दुनिया मे चला जाता था। वो रोज वो ही सपना देखा करता था।
विनय को उसके फूफाजी बिल्कुल पसंद नही करते थे ।लेकिन उसकी बुआ उससे बहुत प्यार करती थी।
विनय की बुआ का लड़का और विनय भाई के साथ बहुत अच्छे मित्र थे।
एक दिन एक औरत विनय के घर आई और विनय की बुआ को कहा कि विनय के अब मेरे साथ जाने का वक्त हो गया है। उसकी बुआ ने कहा विनय के साथ सात साल कैसे बीत गए कुछ पता ही नही चला कि अब उसके जाने का समय आ गया है।
उस औरत का नाम सावित्री था और वो विनय की मौसी थी।सावित्री विनय को अपने साथ एक खण्डहर में ले गयी ले गयी और एक मंत्र बोली द्वार दृष्यम ये मन्त्र बोलते ही उस जगह पर एक दरवाजा प्रकट हो गया ।
विनय ये सब देख रहा था। कि ये सब क्या हो रहा है।
अब वो दोनों उस दरवाजे के अंदर गए और विनय को अपनी आंखों पर यकीन नही हो रहा था ।कि जो सब कुछ वो सपने में देखता था।
वो सब कुछ उसके सामने था। सावित्री उसको अपने साथ उस महल में ले गई ।
जो महल वो सपनो में देखता था।उस महल का नाम मकराज महल था।
इस महल को विनय के पूर्वज मकराज ने बनवाया था।इसलिए इस महल का नाम मकराज महल था।
ये महल विनय के पूर्वजो का खानदानी महल था। जब वो महल के अंदर प्रवेश करने लगा तो उसके ऊपर फूलो की बारिश होने लगी ।
ये सब देख कर वो बहुत खुश था।विनय को ये समझ मे नही आ रहा था की ये सब क्यो हो रहा है।
लेकिन वो अपनी मौसी सावित्री के साथ महल के अंदर चलता गया।
वहाँ महल के अंदर और भी लोग थे जिन्होने विनय का स्वागत किया उसके 10वें जन्म दिवस पर ।
आज विनय का दसवां जन्मदिन था और उसकी मौसी।इसीलिए उसको महल में लायी थी।
विनय ये सोच रहा था कि मुझमे ऐसा क्या है या मैं कोन हु जो इस जगह पर मेरा जन्म दिन मनाया जा रहा है।ये महल और ये जगह मेरे सपने में क्यो आती हैं।मुझे इनसब सवालो के जवाब कौन देगा।
क्रमशः
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