जादूगरों का जादूगर विनय और स्कूल का पहला दिन in hindi soch

जादूगरों का जादूगर विनय और स्कूल का पहला दिन in hindi soch

Fantasy story in hindi soch
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हेलो दोस्तो आपका स्वागत है hindi soch में और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालियाऔर मैं आपके लिए फिर से लेकर आया हु अपनी fantasy story जादूगरों का जादूगर ।आज मैं लेकर आया हु ।इस कहानी का दूसरा पार्ट जिसका नाम है विनय और स्कूल का पहला दिन

विनय और स्कूल का पहला दिन

                   विनय ने सावित्री से लाल पत्थर के बारे में जानने के बाद उनसे अपने माता पिता के बारे में पूछा लेकिन सावित्री ने उसको कहा बाकी बातें ल सुबह अभी रात ज्यादा हो गयी है।
तुम जाकर सो जाओ। फिर विनय अपने कमरे में जाकर सो जाता है ।और सुबह उसको एक औरत जगाने के लिए आती है ।उसका नाम भामी सर्ज था ।सुबह सूरज की किरणें एकदम शीतल लग रही थी विनय को और वो अपने बिस्तर पर अंगड़ाइयां ले रहा था।
फिर जो औरत विनय को उठाने के लिए आई थी ।
वो उसके पास जाकर बोली विनय उठ जाओ ।सुबह हो गई है लेकिन विनय अपने सपनो में खोया अंगड़ाइयां लेता रहा फिर भामी ने उसको उठाया और स्नान घर मे स्नान कराया और उसको तैयार करके सावित्री के पास ले गयी।सावित्री ने कहा विनय कैसी नींद आयी ।विनय बोला बहुत अच्छी नींद आयी ।
फिर सावित्री ने विनय को बताया कि वो एक अग्नि वंशी है ।और जादूगरों के परिवार से है तो उसको भी जादू सीखने के लिए जादू के स्कूल जाना होगा।
विनय हैरानी से बोला जादू का स्कूल ! तब सावित्री ने बताया कि उस स्कूल में तुमको जादू सिखाया जाएगा । फिर सावित्री ने द्वारम दृष्यम का मंत्र पढा।
उनके सामने एक द्वार प्रकट हो गया।इस मंत्र से वो किसी भी जगह जा सकती है।
 उन दोनों ने उस द्वार में प्रवेश किया और वो एक दूसरी जगह पहुंच गए। और उनके सामने एक जादुई स्कूल था।
उसकी बनावट एक घोड़े की आकृति की तरह थी। उस स्कूल का प्रवेश द्वार घोड़े का मुख था।इस स्कूल का नाम अश्वमत्कार था।
उन दोनों ने अंदर प्रवेश किया उसके द्वार पर एक बोना से आदमी बैठा था जिसके कान कुत्ते की तरह थे और नाक सुअर के जैसी थी। उसका नाम सुश्वान था। सुश्वान ने पूछा क्या ये विनय है।
सावित्री ने कहा हाँ ये विनय ही है और विनय को अंदर ले गयी। और उसका एडमिशन कराकर वहाँ से चली गयी।और विनय को स्कूल में छोड़ दिया।
स्कूल का उसका पहला दिन था तो उसने सोचा कि थोड़ा इस स्कूल में घूम लिया जाए और वो उस स्कूल में घूमने लगा।
लेकिन स्कूल के हेडमास्टर ने उसको देखा और अपने पास बुलाया ।उनका नाम हुसैन अलमिडा था और उन्होंने विनय से कहा कि तुमको अभी अभी इस स्कूल में एडमिशन मिला है।
इसलिए तुम इस स्कूल के नियम कानून नही जानते ।इस स्कूल में अनुशासन क़ा बहुत ध्यान रखा जाता है।तुम अच्छे से यहां के रूल्स और रेगुलेशन को ध्यान रखना। फिर अलमिडा ने एक प्रोफेसर को बुलाया उनका नाम केवड़ा गोविल था। अलमिडा ने गोविल से कहा कि ये विनय है।
स्कूल का नया स्टूडेंट तुम इसको यहां के सभी कायदे कानून समझा दो। गोविल विनय को अपने साथ ले जाता है।और उसको कहता है कि अश्वमत्कार में बिना किसी कारण के घूमना फिरना अलाउड नही है।
अलमिडा सर बहुत ही स्ट्रिक्ट है आज तुम्हारा पहला दिन था इसलिए तुमको छोड़ दिया नही तो तुमको सजा दी जाती।
 ये बता कर विनय को अश्वमत्कार के सारे कायदे कानून बता दिए और विनय उसकी क्लास में छोड़ दिया।
क्लास में उसका पहला दिन था तो प्रोफेसर जो उस क्लास में पढ़ा रहे रहे उन्होंने सबसे विनय को मिलाया।मेल मिलाप के बाद विनय सबसे आगे के बेंच पर जाकर बैठ गया।पहला दिन था ।इसलिए उसको कुछ भी समझ मे नही आया।जब क्लास खत्म हुई तब बाहर उस क्लास का एक स्टूडेंट विनय को बोला कि तुम कहा से हो तो विनय बोला मुम्बई से तब वो स्टूडेंट बोला की मेरा नाम  सैंड जॉल है ।अगर कोई जरूरत हो तो मुझको बता देना।विनय उसको पूछता है कि हम कहाँ पर रहेंगे। तो  सैंड जॉल विनय को उसका कमरा बता देता है ।फिर रात को विनय अपने कमरे में सोने चला जाता हैं।

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