Ahoi ashtami 2019 व्रत कथा Spiritual short story in hindi soch
Spiritual short story in hindi soch
Ahoi ashtami 2019 व्रत कथा in hindi soch
Ahoi ashtami 2019 |
दोस्तो हमारा देश त्यौहारो का देश है हमारे देश मे अनेक प्रकार के त्योहार और व्रत उपवास आदि मनाये जाते है।आज मैं आपको एक ऐसे ही व्रत की कथा सुनाऊंगा जो बिल्कुल अनोखी हैं ।तो चलिए शुरू करते है।
अहोई अष्टमी कब है और इसकी व्रत कथा
ये व्रत अपने पुत्र की लंबी आयु और उनकी सभी विपत्तियों से मुक्ति और रक्षा के लिए महिलाओ द्वारा किया जाता है।ये व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद किया जाता है ।
ये व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को किया जाता है।इस बार ये व्रत 21 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा।
अब इस व्रत की कथा प्रारम्भ करते है अहोई अष्टमी की कथा इस प्रकार है।
एक बार एक साहूकार था उसके सात बेटे और एक बेटी थी।उस साहूकार ने कुछ दिनों बाद अपने सभी पुत्र और पुत्रियों का विवाह कर दिया।
अब उनके सात बेटे और सात बहुये थी।
दीवाली का दिन आया तो उस साहूकार की बेटी भी उसके घर आ गयी।घर को लीपने के लिए सारी बहुये मिटी लेने जंगल मे गयी।तो उनकी ननद भी उनके साथ चली गयी।
जब वे मिट्टी खोद रही थी वही पर स्याऊ माता अपने सात बेटो के साथ थी।साहूकार की बेटी से गलती से स्याऊ माता के एक बेटे की मृत्यु हो गयी ।
इससे क्रोधित होकर स्याऊ माता ने उसको कोख बांधने का श्राप देना चाहा उसने अपनी भाभियो सेअपनी कोख बंधवाने को कहा।उसकी सबसे छोटी भाभी ने उसकी बात मान ली और अपनी कोख बंधवा ली।
इस वजह से उसके सभी बेटे मर गए।उसने एक पंडित जी से इसका उपाय पूछा पंडित जी ने उसको सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी ।
उसने सुरही की बहुत सेवा की तब सुरही ने उसकी सेवा करने का कारण पूछा।
तब छोटी बहू ने कहा कि आप मेरी कोख खुलवा दो ।तब सुरही ने कहा कि चलो मेरे साथ और वो उसको अपने साथ माता स्याऊ के पास ले जाने लगी।
रस्ता बहुत लंबा था।वो दोनों तक गयी।और एक जगह पर बैठ गयी ।वही पर एक सांप गरुडपंखनि के बच्चों को खाने के लिए जा रहा था
छोटी बहू ने उस सांप को मार डाला।तभी गरुडपंखनी वहां आई उसने छोटी बहू को देख कर उस पर हमला कर दिया तब छोटी बहू ने उसको बताया कि उसने उसके बच्चों की रक्षा की है।
तब गरुडपंखनी खुश हो जाती है।और उन दोनों को स्याऊ माता के पास छोड़ देती है।छोटी बहू स्याऊ माता की भी बहुत सेवा करती है।उसकी सेवा से खुश होकर माता उसको सात पुत्रो और सात बहुओ का वरदान देती है।जब वो घर जाती है तब उनके कहर पर सात बेटे और बहुये थी।
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