Motivational stories in hindi soch एक पिता जो अपने बेटे के लिए बार बार हार के अंत मे जीता।
Motivational stories in hindi soch
एक पिता जो अपने बेटे के लिए बार बार हार के अंत मे जीता।
दोस्तो आपका स्वागत है motivational stories in hindi soch में और मै हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया।दोस्तो आपने कभी न कभी सुना होगा कि एक माँ अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर जाती है लेकिन मेरी कहानी एक पिता की है जो बार बार हारता है लेकिन अपने बेटे के लिए अंत मे जीत जाता है।दोस्तो ये एक काल्पनिक कहानी है।सयोगवश ये कहानी किसी के जीवन से मिल सकती है।motivational stories in hindi soch
एक पिता जो अपने बेटे के लिए बार बार हार के अंत मे जीता
कविता और रामराज की शादी
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दोनों बहुत गहरे दोस्त बन गए।कविता एक बड़े घर की बेटी थी।उसके पिता एक बिजनेसमैन थे।उनके पास करोड़ो की संपत्ति थी।
वो दोनों एक दूसरे को खुद से भी ज्यादा जानने लगे थे और उनकी गहरी दोस्ती गहरे प्यार में बदल गयी।फिर दोनों ने अपने अपने परिवार में एक दूसरे के बारे में बता दिया।
दोनों परिवार खुले विचारों के थे इसलिए दोनों के परिवार उनकी शादी के लिए मान गए।लेकिन कविता के पिता ने कहा कि रामराज के करियर सैटल होने के बाद ही वो उसकी शादी करेंगे।
रामराज अब हर जगह नोकरी की तलाश करने लगा।लेकिन उसको कही भी नोकरी नही मिली।
कविता ने अपने पिता को समझाया कि आपका जो कुछ हैवो मेरा ही तो है।तो आप उसको जॉब करने के लिए क्यो कह रहे है।
कविता के पिता ने कहा कि मैं मानता हूं कि सब तुम्हारा है लेकिन मैं चाहता हु की वो अपने पैरों पर किसी की मदद के बिना खड़े हो।
रामराज के बहुत प्रयास के बाद भी उसको कही नोकरी नही मिली।कविता ने रामराज को कहा कि मैं अब तुम्हारे बिना नही जी सकती।तुमको आज ही मुझसे शादी करनी होगी।
रामराज ने कहा कि आज शादी कैसे होगी और तुम्हारे पिता भी नही मानेगे ।तब कविता ने भाग के शादी करने को कहा।वो दोनों घर से भाग कर दूसरे शहर में चले गए।और शादी कर ली।
आगे की कहानी अगले पार्ट में।
धन्यवाद
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