क्या श्री राम ही भगवान है? Is sri ram god ?Spiritual stories in hindi soch.

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क्या श्री राम ही भगवान है? Is sri ram god ?Spiritual short story in hindi soch.

Is sri ram god ?

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दोस्तो मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया और आपका स्वागत है Spiritual short story
hindi soch पर ।दोस्तो भगवान राम के बारे में कहा जाता है कि वे एक साधारण मनुष्य थे। वो कोई भगवान नही थे आज हम इसके बारे में जानेंगे।तो चलिए शुरू करते है।

क्या श्री राम ही भगवान है? Is sri ram god ?

श्री राम का प्राकट्य

दोस्तो तुलसीदास रामायण में लिखा है।कि जब मनु और शतरुपा ने तप करके भवन को प्रसन्न किया तो परमपिता परमात्मा स्वयम प्रकट होकर वरदान मांगने को कहा ।
तब उन दोनो ने कहा कि हमको आपके जैसा ही पुत्र  हो ऐसा आशीर्वाद दीजिये। तब भगवान ने उनको कहा कि मेरे जैसा मैं ही हु और कोई दूसरा नही है।
इसलिए मैं खुद ही अगले जन्म में जब तुम्हारा जन्म दशरथ और कौशल्या के रूप में होगा तो मैं स्वयं ही तुम्हारे पुत्र के रूप में प्रकट होऊंगा।
रावण ने जब ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की तो उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने वरदान मांगने को कहा तो रावण ने केवल मनुष्य के हाथों मृत्यु का वरदान मांगा।
क्योकि उसको पता था कि कोई मनुष्य उसको नही मार सकेगा।
इसलिए भगवान कौशल्या जी के पुत्र रूप में प्रकट हुए
जब वे प्रकट हुए तो वे अपने ऐश्वर्य रूप में प्रकट हुए उनकी चार भुजाएं थी।
उन भुजाओ में आयुध थे।उनका शरीर  बहुत ही प्रकाशित और दिव्य था। लेकिन माता कौशल्या के अनुरोड पर वो शिशु के रूप में आ गए।
इस बात से सिद्ध होता है कि वे भगवान ही थे।

अहिल्या का उद्धार

अब दूसरा वाक्या जब वे गुरु विश्व मित्र के साथ थे तब वे एक आश्रम में पहुंचे।
उस आश्रम में एक शिला थी।विश्वामित्र जी ने उस शिला की कथा सुनाई।
की ये शिला माता अहिल्या की है जो अपने पति गौतम ऋषि के श्राप के कारण शिला बन गयी है।
अहिल्या के बार बार क्षमा मांगने से गौतम ऋषि ने देवी अहिल्या को ये वरदान भी दिया था कि जब भगवान राम अवतरण लेंगे तो उनके चरणों की धूल से तुम्हारा कल्याण होगा और तुम शिला रूप आए मुक्त हो जाओगी।
फिर राम ने जैसे ही उस महिला को अपने चरणों से स्पर्श किया।वो शिला से नारी बन गयी।
ये भी प्रमाण है कि श्री राम भगवान है।

माता सती द्वारा श्री राम की परीक्षा

अब तीसरा प्रमाण जब माता सती और शिवजी पृथ्वी लोक पर भृमण कर रहे थे वही पर श्री राम उनको दिखे।उन्होंने श्रीराम को प्रणाम किया जब माता सती ने ये देखा तो अचरज से पूछा कि अपने इनको क्यो प्रणाम कर रहे है।
तब शिवजी ने कहा कि मैं जिनका ध्यान करता हु वो परम पिता परमात्मा राम ये ही है।
माता सती अपने मन मे सोचती है की ये परब्रह्म कैसे हो सकते हैं।
ये तो एक साधारण मनुष्य लग रहे है। जिसकी पत्नी को एक राक्षस अपहरण कर ले गया है और ये वन वन घूम कर अपनी पत्नी को ढूंढ रहे है।अगर ये परमात्मा होते तो क्या इनको पता नही होता कि इनकी पत्नी कहा है।
माता सती ने उनकी परिक्षा लेने का सोचाऔर माता सीता का रूप लेकर राम जी के पास चली गयी और कहा कि मुझे रावण ने छोड़ दिया है।लेकिन श्री राम ने उनको कहा माता शिवजी आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
माता सती ये सुनकर वहाँ से गयी तो उनको चारो और सीता राम लक्ष्मण के दर्शन होने लगे ये सब देखकर वो घबरा गई और शिवजी को कहा कि अब मुझे पता चल गया कि ये ही परब्रह्म परमात्मा है।
ये भी प्रमाण है कि श्री राम भगवान है।

गरुड़ का मोह

अब चौथा प्रमाण जब श्री राम और लक्ष्मण नाग पाश में बंध गए थे तब गरुड़ जी ने उनको नाग पाश से मुक्त किया।तब गरुड़ जी को भी संदेह हुआ था कि क्या राम सच मे भगवान है।तब काग भुशुण्डि जी ने गरुड़ जी का मोह दूर किया था और बताया था कि श्रीराम ही भगवान है।
और भी ऐसे कई प्रमाण है जिससे ये प्रमाणित होता है कि श्री राम ही भगवान है।




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