Ram nam ki mahima aur vibhishan ji ki bhakti spiritual kahaniya
Ram nam ki mahima aur vibhishan ji ki bhakti spiritual kahaniya
हेलो दोस्तो आपका स्वागत है आपके अपने spritual kahaniya में और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया।
दोस्तो आज हम राम नाम की महिमा के बारे में थोड़ी बात करेंगे ।दोस्तो वैसे तो राम नाम की महिमा को हम जान नही सकते कि राम के नाम मे कितनी शक्ति है।लेकिन फिर भी जो भक्तजन बताते है ।वो थोड़ा सा आपको बताने की कोशिश करता हु। तो चलिए शुरू करते है।
दोस्तो आज हम भक्त विभीषण के बारे में कुछ जानेगे उनकी भक्ति की महानता के बारे में मैं कुछ बता नही सकता क्योंकि मुझे कुछ भी मालूम नही जो कुछ भी गुरुजनो से सुनता हूं वही आपको बता देता हूं ।
दोस्तो एक बार एक सेठ समुद्र में एक जहाज पर जा रहा था अचानक वह पर समुद्र के बीच अटक गया ।तो उसने सोचा कि समुद्र देव रुष्ट हो गए है ।
उनको मनाने के लिए किसी को बलि के रूप में समुद्र देव को देना होगा और फिर वह अपने जहाज से एक आदमी जिसके हाथ नही थे उन्हें समुद्र में फेंक दिया।तब समुद्र की लहरें उस आदमी को लंका के किनारे ले गयी।
तब लंका के राक्षस उसे उठा कर विभीषण जी के पास ले विभीषण जी ने उनको देखा और कहा ये तो मेरे प्रभु राम जी के जैसा दिख रहा है।और वो उसकी सेवा करने लग गया ।और अपने राक्षस सैनिको को बहुत से उपहार दिए ।
और हाथ मे छड़ी लेकर द्वार पाल की तरह उसकी रक्षा करने लग गया ।
और पूछा कि आप प्रसन्न क्यो नही हो रहे । मैं आपके लिए क्या करूँ जिससे आप प्रसन्न हो जाओ ।तब उस व्यक्ति ने कहा कि मुझे वही छोड़ आओ तब विभीषण जी उनको उसी किनारे ले गए और उन्हें बहुत से धन दे दिया ।और उसको एक वस्त्र पर राम नाम लिख कर कहा कि आप ये हाथ मे लेकर समुद्र आसानी से पार कर लोगे ।उस व्यक्ति ने वो वस्त्र लिया जिस पर राम नाम लिखा था ।और वो उन पर विश्वास करके समुद्र पार चलने लगा ।और वो उस जहाज के समीप पहुंच गया । उस को देख कर जहाज के सब लोगो को आश्चर्य हुआ।
और उससे सब बात पूछी उसने सब बात बता दी ।तब सभी ने भक्त विभीषण की भक्ति और राम नाम की महिमा को नमस्कार किया।
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- धन्यवाद
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