Sri chetanya mahaprabhu hi jagannath hai spiritual stories in hindi

Sri chetanya mahaprabhu hi jagannath hai spiritual stories in hindi
हेलो दोस्तो आपका स्वागत है आपके अपने ब्लॉग पर और मैं हु आपका दोस्त मुंगेरी ढालिया ।
दोस्तो आप अगर कृष्ण की सेवा करते है तो आपने चैतन्य महाप्रभु का नाम तो सुना ही होगा अगर आप चैतन्य महाप्रभु के बारे में नही जानते तो मुझे कॉमेंट करे मैं आपको उनके बारे में जो मैने गुरुदेव जी से सुना है वो मैं आपको बता दूंगा ।दोस्तो चैतन्य महाप्रभु के बारे में बताया गया है ।कि उनका प्राकट्य श्रीराधा कृष्ण के अंश से हुआ है ।
बताया जाता है कि महाप्रभु राधा रानी के भाव के साथ प्रकट हुए है ।कृष्ण जगन्नाथ और महाप्रभु में कोई भेद नहीं  है ।
ये बात मैं एक कथा से आपको बताता हूं ।
एक बार एक बूढ़ा ब्राह्मण था ।वो बहुत ही दरिद्र था और वो भगवान जगन्नाथ का भक्त था।उसको के बार खाने के लिए भी कुछ नही मिलता था ।उसको उसके परिवार ने घर से निकाल दिया था एक बार तो उसको के दिनों तक खाने के लिए कुछ भी नही मिला ।उसकी हालत गंभीर हो गयी थी। उसकी हड़िया दिखने लगे गयी थी । तब उसने भगवान जगन्नाथ मंदिर में जा कर कहा कि हे जगन्नाथ मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरी दरिद्रता को दूर कीजिये ।भगवान चाहते तो उसकी दरिद्रता को दूर कर सकते थे ।पर वो उसके कर्मो के फल में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे ।फिर भी उन्होंने एक ब्राह्मण का वेश धारण कर के उसको खाना खिलाया ।उसने भगवान का धन्यवाद किया ।और वहाँ से चला गया पर उसकी दरिद्रता दूर नही हुई ।और उसने जगन्नाथ से कहा कि आपने अगर मेरी दरिद्रता को दूर नही किया तो मैं कल सुबह समुद्र में कूदकर अपने प्राण त्याग दूंगा। ये बात बहुत ही बुरी है ये भावना हम सभी के अंदर रहती है ।कि अगर हमारे साथ अगर कुछ अच्छा हो तो हम ये कहते है कि मैंने मेहनत की इसलिए हमारे साथ ये अच्छा हुआ है और कुछ बुरा हो तो ये सब भगवान के माथे मढ़ देते है ।
ऐसा ही उस बूढ़े ब्राह्मण ने किया ।सारा दोष भगवान के माथे मढ़ दिया ।जब अगली सुबह आयी तो वो ब्राह्मण समुद्र में कूदकर मरने के लिए समुद्र के किनारे आया ।और कहा कि आपकी वजह से मैं मर रहा हु ।मेरी मृत्यु के कारण आप हो ।
जब वो समुद्र में कूदने लगा तो समुद्र में से एक दिव्य पुरुष निकला उसने सोचा कि ये भगवान जगन्नाथ है ।समुद्र से निकलते ही वो पुरुष कही पर जाने लगा ।
तो उस बूढ़े ब्राह्मण ने उसका पीछा किया और उसके चरण पकड़ कर कहा कि प्रभु आप कहा जा रहे हो ।
उसने कहा कि तुम को हो और मुझे क्यों पकड़ा है ।
तो उस ब्राह्मण ने कहा कि आप को हो और कहा जा रहे हो ।उसने कहा कि मैं विभीषण हु और मैं जगन्नाथ के दर्शन करने जा रहा हु ।उसने कहा की मैं भी आपके साथ जाऊंगा ।तो वो उनके पीछे पीछे चला गया ।
विभीषण जी जगन्नाथ मंदिर में न जाकर कही और जा रहे थे। फिर भी उस बूढ़े ने उसका पीछा नही छोड़ा।विभीषण जी चैतन्य महाप्रभु के पास गए ।वो ब्राह्मण भी वहा गया ।चैतन्य महाप्रभु ने विभीषण जी को अपने पास बिठा लिया और उस ब्राह्मण को दूर बिठाया ।विभीषण जी ने कहा कि मैं आपको हजारो साल बाद मिल रहा हु ।और उनकी आंखों में से अश्रु बहने लगे ।दोनों एक दूसरे के गले लग कर रोने लगे ।ये सब वो ब्राह्मण और महाप्रभु के शिष्य ये सब देख कर हैरानी से सोचने लगेकी ये सब क्या हो रहा है ।ये आदमी को है जिनके लिए महाप्रभु आंसू बहा रहे है ।महाप्रभु ने कहा कि इस ब्राह्मण ने मुझे बहुत दुख दिया है अपने कर्मो के फल को ये मुझे जिम्मेदार ठहरा रहा है ।आप इसे बहुत से धन दे देना ।उसने कहा ठीक है और वो वह से चल दिये वो ब्राह्मण फिर से उनके पीछे हो गए ।और उनको पूछा कि आप तो जगन्नाथ जी के दर्शन के लिए आये थे ।तो आप ये कहा आ गए।
तब विभीषण जी ने कहा कि हे महामूर्ख वो जगन्नाथ जी ही थे । वे ही चैतन्य महाप्रभु के रूप में प्रकटे है ।और उन्होंने तुमको बहुत से धन देने के लिए कहा है ।चलो मेरे साथ मैं तुमको इतना धन दूंगा की तुम जब तक जियोगे ये खत्म नही होगा।
ये सुनते ही उसकी भक्ति का फिर से उदय हो गया ।
और उसने कहा कि मैं बहुत बड़ा अपराधी हु मुझे प्रभु के पास ले चलो  ।तो विभीषण जी उनको महाप्रभु के पास ले गये ।
और उस ब्राह्मण ने उनसे क्षमा मांगी महाप्रभु ने उनको क्षमा कर दिया।
दोस्तो आपको ये कहानी कैसी लगी कॉमेंट करे अगर अच्छी लगे तो शेयर करे।
                       धन्यवाद

Comments

Popular posts from this blog

Top 10 current affairs 10 September 2019 in hindi soch

Navratri 2019: Mata chandraghanta ki katha in hindi soch